पडद्याचा खेळ!
पर्दों की बुनाई छूटती जा रहीं हैं,उस कमरें में हूई मोहब्बत बूढ़ी हो रही हैं। वो दोनों अभी भी साथ रहते होंगे ना? उस मुकम्मल… Read More »पडद्याचा खेळ!
पर्दों की बुनाई छूटती जा रहीं हैं,उस कमरें में हूई मोहब्बत बूढ़ी हो रही हैं। वो दोनों अभी भी साथ रहते होंगे ना? उस मुकम्मल… Read More »पडद्याचा खेळ!
एक बस (bus) जिसे कदर हैं हर सिसक की।जो हकदार हैं कई सच्ची कहानियों की।कितने लाजमी सपनों की, कितने प्यार भरे किस्सों की।एक झगड़ा उसके… Read More »यादें सफर की।
बाहेरून या समाजाचा खेळ पहायचा असेल तर ‘ही’ सिरीज भारतातील प्रत्येकाला रिलेट करेल. इतकं क्रिस्टल सत्य मांडण्याची ताकद चित्रपटांमध्ये आली नाही, कारण तिथे सेन्सॉर बोर्डाच्या… Read More »हे सत्य तुम्हाला पचेल का?
आज के दौर का मुसन्निफ़ (राइटर) पूछने की हिम्मत करता हैं, कहता हैं… कल किसी अजनबी के हाथों पर मेरी किताब होगी। उसे मेरे कद… Read More »किताब मिलने के बाद लिखना जरूर…।
बेसब्र-ए-इश्क़ करके, मैंने चुना एक उजाला था|दोनों हाथों से उसे बाहों में लिये, सजा वो दिया था। उसकी हर हरकत लाज़मी सी छू गुजरती थी,… Read More »बेसब्र-ए-इश्क़|
तुमने कहाँ मैने सुना, तुमने फिर कहाँ मैने फिर सुना।ऐसे ही तुम कहते गये, मैं सुनती गयी।मैं सुनती गयी, तुम कहते गये…। बड़े फ़ुरसत से… Read More »मोहब्बत की सुनवाई।
एक ही खाली संध्या थी। हम यूंही खाली बैठे थे। कुछ भी तो सोच नहीं रहे थे,चाय लगाई थी, साथ ही में दो बूंद कम चाय… Read More »आप आओगे ना.?
एक बस (bus) जिसे कदर हैं हर सिसक की। जो हकदार हैं कई सच्ची कहानियों की। कितने लाजमी सपनों की, कितने प्यार भरे किस्सों की।… Read More »बस की पुरानी दुनिया।
तू विघ्न बनाता है, तुही विघ्न का विनाश करता है। इन इंसानों के बीच शान से खड़े रहकर, जिंदगी को संभालने की हिम्मत देता हैं।… Read More »तू कलाकार बड़ा श्रेष्ठ हैं।
हम मिले थे दोनों मुठा के किनारे झेड ब्रिज के ऊपर। एक हड़बड़ाहट थी और कई बातें। कॉलेज खत्म होने के बाद यह पहली मुलाकात… Read More »झेड़ ब्रिज की संध्या ।