इश्क क्या हैं।

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देखी भी होगी उसने खूबसूरती चेहरे की,
उसने जल्दबाजी नहीं की मोहब्बत करने की।

उसने तराशा मेरे हुनर को,
मेरे ख्वाबों को,
मेरे सपनो को,
और मेरे खुशी को।

फिर तय किया क्या सच में इतनी चीजों की चाहत रख कर उन्हें पूरा करने वाली लड़की मुझे मंजूर हैं?
अभी मंजूर होगी,
लेकिन जिन्दगी भर मंजूर रहेगी?

तब उसने खुद के अंदर झांक कर देखा,
उसे वहां भी मिले उसके अपने ख्वाब,
अपने सपने,
सिर्फ उसमे एक चीज की कमी थी,
खुशियों की।

उसने तभी उस रिश्ते पर तीन बार
कुबूल हैं लिखकर दोनों के जिन्दगी के पते पर भेज दिया।

  • पूजा ढेरिंगे
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