ख्वाब इकठ्ठा कर …
थकेभरे जब कदम घर की उस सुनसान सड़क पर पड़ते हैं।मैं याद करती हूं उसी खुद को जो कुछ साल पहले ऐसेहिं किसी काम पर… Read More »ख्वाब इकठ्ठा कर …
थकेभरे जब कदम घर की उस सुनसान सड़क पर पड़ते हैं।मैं याद करती हूं उसी खुद को जो कुछ साल पहले ऐसेहिं किसी काम पर… Read More »ख्वाब इकठ्ठा कर …
“कुछ नगमें जिंदगी नहीं होते …. लेकिन उनके बिना जिंदगी जिंदगी नहीं होती|” कुछ पांच साल पुरानी बात है। मुझे पता नहीं आज मैं जो… Read More »कुछ नगमें….
तुमने कहाँ मैने सुना….तुमने फिर कहाँ, मैने फिर सुना… ऐसे ही तुम कहते गये, मैं सुनती गयी|मैं सुनती गयी, तुम कहते गये… बड़े फ़ुरसत से… Read More »समझौता मोहब्बत का …
Give a phoneCall to Yourself! I know You know this, You are That someone, no one could ever be… But I just want you to… Read More »Give a phoneCall to Yourself!
सब इत्मीनान जायज है मोहब्बत में। उनका आना और उसी सादगी से चले भी जाना। शिकायतें बेहद और बेशक हमारी थी, लेकिन गलती उनकी हो… Read More »जायज है मोहब्बत में|
पुण्याची गरमी मागे टाकून आम्ही दिल्लीच्या दिशेने रवाना होत होतो. हळूहळू वेगवेगळ्या राज्यांची हवा अंगाला लागून जात होती…माझ्या मनाची भावनाच कळत नव्हती. कारण चार भिंती… Read More »दिल्लीतून…
आताच्या घडीला, आमच्या पिढीतली प्रत्येक मुलगा/ मुलगी कशाच्या तरी शोधात आहे. ते शांत दिसले तरी ते शांत राहत नाही, ते रस्त्याने जात असतील तरी शांत… Read More »सतत कशाच्यातरी शोधात आहे…